:: آہ. اٹل جی ::
. نہرو یگ کا آج جیسے اک ستارہ بجھ گیا
. خود اٹل جی کے بنائے یگ کا تارہ بجھ گیا
. اپنے یگ کا وہ ہی تارہ، وہ ہی اپنا آسماں
. راج دھرم کی یاد دلوانے میں مرد نوجواں
. تھا انہیں بلراج مدہوک سے نہیں کچھ اتفاق
. تھا انہیں پی این کوک سے نہیں کچھ اتفاق
. رام مندر یاترا کا تھا کیا اندر ورودھ
. اس کے دش پرینام کا ان کو تھا اندر ہی سے بودھ
. بابری مسجد گرائے جانے کو مانا خراب
. آستھا اپنی الگ رکھ کر کیا یہ انتخاب
. سنگھ کے ہوتے ہوئے سنگھی سیاست سے الگ
. نفرت و آتنک کی خونی سیاست سے الگ
. بھگوا آتنک ان کے ماتھے کا نہیں بن پایا داغ
. جو چلا گجرات سے اب ہو گیا بھارت کا داغ
. اندرا گاندھی یگ کا وہ پوکرن دھماکہ ان کی یاد
. سمجھوتہ ایکسپریس ، پاکستانی یاترا انکی یاد
. راج بھاشا ہندی کا سممان اونچا کر دیا
. یو. این. او لے جانے سے یہ مان اونچا کردیا
. نرم پنتھی اور کوی، بے لاگ وکتا آپ تھے
. شاعری، سیاست ، صحافت میں یکتا آپ تھے
. الپ مت ہونے پہ بھی پایا اپوزیشن کا ساتھ
. پارٹی ہت سے اٹھے اوپر کیا نہ پکش پات
. سب کو لے کر ساتھ چلنے کی سیاست ان سے تھی
. صاف دل والی سیاست کی نفاست ان سے تھی
. اے سپوت ہند تجھ کو سارے بھارت کا سلام
. اے سپوت ہند جیسے اے پی جے عبد الکلام
خراجِ عقیدت : مسعود بیگ تشنہ
:: आह. अटल जी ::
नेहरू युग का आज जैसे इक सितारा बुझ गया.
ख़ुद अटल जी के बनाए युग का तारा बुझ गया.
अपने युग का वो ही तारा, वो ही अपना आसमां.
राज धर्म की याद दिलवाने में मर्दे नवजवां.
था उन्हें बलराज मदहोक से नहीं कुछ इत्तेफ़ाक़.
था उन्हें पी ऐन ओक से नहीं कुछ इत्तेफ़ाक़.
राम मंदिर यात्रा का था किया अंदर विरोध.
उस के दुष्परिणाम का उन को था अंदर ही से बोध.
बाबरी मस्जिद गिराए जाने को माना ख़राब .
आस्था अपनी अलग रख कर किया ये इन्तेख़ाब .
संघ के होते हुए संघी सियासत से अलग.
नफरत ओ आतंक की ख़ूनी सियासत से अलग.
भगवा आतंक उनके माथे का नहीं बन पाया दाग.
जो चला गुजरात से अब हो गया भारत का दाग.
इंदिरा गांधी युग का वो पोकरण धमाका उनकी याद.
समझौता एक्सप्रेस, पाकिस्तानी यात्रा उनकी याद.
राज भाषा हिन्दी का सम्मान ऊंचा कर दिया.
यू. एन. ओ. ले जाने से ये मान ऊंचा कर दिया.
नर्म पंथी और कवि, बेलाग वक्ता आप थे.
शाइरी, सियासत , सहाफ़त में यक्ता आप थे.
अल्प मत होने पे भी पाया अपोज़ीशन का साथ.
पार्टी हित से उठे ऊपर, किया ना पक्ष पात.
सब को ले कर साथ चलने की सियासत उन से थी.
साफ़ दिल वाली सियासत की नफ़ासत उन से थी.
ऐ सपूत ए हिन्द तुझ को सारे भारत का सलाम.
ऐ सपूत ए हिन्द जैसे ए पी जे अब्दुल कलाम.
ख़िराज ए अक़ीदत : मसूद बेग तिश्ना
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