::غزل ::
زندگی کے عذاب میں جینا
ناتواں احتساب میں جینا
موٗرکھوں کی بنائی جنّت میں
اور بِلّی کے خواب میں جینا
شہریت ،قومیت کے خانوں میں
گُم سوال و جواب میں جینا
ظلم ،تشکیک، نفرتیں، تحقیر
جان لیوا عذاب میں جینا
مسئلے اور اُنکے بکھرے حل
بےعمل انتخاب میں جینا
ہے شریکِ حیات کے دم سے
بیچ کانٹے گلاب میں جینا
کربِ لا انتہا کی صورت میں
تشنہ خانہ خراب میں جینا
کلام : مسعود بیگ تشنہ
:: ग़ज़ल ::
जिंदगी के अज़ाब में जीना
नातवां एहतिसाब में जीना
मूर्खों की बनाई जन्नत में
और बिल्ली के ख़्वाब में जीना
शहरीयत, क़ौमीयत के ख़ानों में
गुम सवाल ओ जवाब में जीना
ज़ुल्म, तश्कीक, नफ़रतें, तेहक़ीर
जानलेवा अज़ाब में जीना
मसअले और उनके बिखरे हल
बेअमल इन्तेख़ाब में जीना
है शरीक ए हयात के दम से
बीच कांटे गुलाब में जीना
कर्ब ए लाइंतिहा की सूरत में
"तिश्ना" ख़ाना ख़राब में जीना
कलाम : मसूद बेग तिश्ना
زندگی کے عذاب میں جینا
ناتواں احتساب میں جینا
موٗرکھوں کی بنائی جنّت میں
اور بِلّی کے خواب میں جینا
شہریت ،قومیت کے خانوں میں
گُم سوال و جواب میں جینا
ظلم ،تشکیک، نفرتیں، تحقیر
جان لیوا عذاب میں جینا
مسئلے اور اُنکے بکھرے حل
بےعمل انتخاب میں جینا
ہے شریکِ حیات کے دم سے
بیچ کانٹے گلاب میں جینا
کربِ لا انتہا کی صورت میں
تشنہ خانہ خراب میں جینا
کلام : مسعود بیگ تشنہ
:: ग़ज़ल ::
जिंदगी के अज़ाब में जीना
नातवां एहतिसाब में जीना
मूर्खों की बनाई जन्नत में
और बिल्ली के ख़्वाब में जीना
शहरीयत, क़ौमीयत के ख़ानों में
गुम सवाल ओ जवाब में जीना
ज़ुल्म, तश्कीक, नफ़रतें, तेहक़ीर
जानलेवा अज़ाब में जीना
मसअले और उनके बिखरे हल
बेअमल इन्तेख़ाब में जीना
है शरीक ए हयात के दम से
बीच कांटे गुलाब में जीना
कर्ब ए लाइंतिहा की सूरत में
"तिश्ना" ख़ाना ख़राब में जीना
कलाम : मसूद बेग तिश्ना
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