:: استاد ::
. استاد بلند کرتا ہے شاگرد کے آفاق
. شاگرد کرے یاد جو استاد کے اسباق
. گم گشتہ خزانوں سے اُٹھاتے ہیں وہی فیض
. روحانی تعلق کے پلٹتے ہیں جو اوراق
کلام : مسعود بیگ تشنہ
:: उस्ताद ::
उस्ताद बुलंद करता है शागिर्द के आफ़ाक़.
शागिर्द करे याद जो उस्ताद के अस्बाक़.
गुम गश्ता ख़ज़ानों से उठाते हैं वही फ़ैज़.
रूहानी ताल्लुक़ के पलटते हैं जो औराक़.
कलाम : मसूद बेग तिश्ना
:: Ustad ::
Ustad buland karta hai shagird ke aafaaq.
Shagird kare yaad jo ustad ke asbaaq.
Gumgashta khazanoN se uthaa'te haiN wohi faiz .
Roohani t'alluq ke palat'te haiN jo auraaq .
Kalaam : Masood Baig Tishna
. استاد بلند کرتا ہے شاگرد کے آفاق
. شاگرد کرے یاد جو استاد کے اسباق
. گم گشتہ خزانوں سے اُٹھاتے ہیں وہی فیض
. روحانی تعلق کے پلٹتے ہیں جو اوراق
کلام : مسعود بیگ تشنہ
:: उस्ताद ::
उस्ताद बुलंद करता है शागिर्द के आफ़ाक़.
शागिर्द करे याद जो उस्ताद के अस्बाक़.
गुम गश्ता ख़ज़ानों से उठाते हैं वही फ़ैज़.
रूहानी ताल्लुक़ के पलटते हैं जो औराक़.
कलाम : मसूद बेग तिश्ना
:: Ustad ::
Ustad buland karta hai shagird ke aafaaq.
Shagird kare yaad jo ustad ke asbaaq.
Gumgashta khazanoN se uthaa'te haiN wohi faiz .
Roohani t'alluq ke palat'te haiN jo auraaq .
Kalaam : Masood Baig Tishna
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