Wednesday, February 28, 2018

SHAAM (SYRIA) (شام ( سیریا शाम (सीरिया)

:: Shaam (Syria) ::
Khoon ashaam shaam kab tak bhai.
Zulm aur inteqam kab tak bhai.
Shaam par alami siyasat ye.
Hogi tasht az baam kab tak bhai.
# Masood Baig Tishna 

Saturday, February 24, 2018

GHAZAL غزل ग़ज़ल


 :: غزل ::
. ہم کہ اپنی ہی دسترس میں نہیں
. یعنی کہ آپ اپنے بس میں نہیں
. ہم پس و پیش میں رہے ہر دم
. یہ زمانہ کہ پیش و پس میں نہیں
. آتے آتے شعور آتا ہے
. عقل آتی ہے چند برس میں نہیں
. زہر پھیلادیا ہے لاکھوں میں
. اب کے نفرت یہ پانچ دس میں نہیں
. جھوٹ، نفرت، فریب، مکاری
. آج بھی" تشنہ" اپنے بس میں نہیں
کلام : مسعود بیگ تشنہ
 :: Ghazal ::
Ham ke apni hi dastaras meiN nahiN.
Yani ke aap apne bas meiN nahiN.
Ham pas o pesh meiN rahe har dam.
Ye zamana ke pesh o pas meiN nahiN.
Aate aate sha'oor aata hai.
Aql aati hai chand baras meiN nahiN.
Zehr phailadiya hai lakhoN meiN.
Abke nafrat ye paaNch das meiN nahiN.
Jhoot, nafrat, fareb, makkari.
Aaj bhi "Tishna" apne bas meiN nahiN.
Kalaam : Masood Baig Tishna




Monday, February 19, 2018

TEEN QATAAT TEEN RANG तीन क़तात तीन रंग تین قطعات تین رنگ


तीन क़त्आत तीन रंग
......एक
राजनीतिक रुसूख के पाले.
देश के सब माली घोटाले.
वर्षों से यह होता आया.
तू भी खा ले, तू भी खा ले.
...... दो
तन के उजले मन के काले.
देश के ये नेता, रखवाले.
पिसती जनता, मरते कृषक.
विष के बाण, नफरत के जाले.
...... तीन
झूठ की चांदी, सच के लाले.
सच का मुलम्मा झूठ चढ़ाले.
यह व्यवस्था अंधी गूँगी.
गुंडे पाले, क़ातिल पाले.
कलाम : मसूद बेग तिश्ना
 تین قطعات تین رنگ
...... ایک
راجنیتک رسوخ کے پالے.
دیش کے سب مالی گھوٹالے.
برسوں سے یہ ہوتا آیا.
تو بھی کھا لے، تو بھی کھا لے.
...... دو
تن کے اجلے من کے کالے.
دیش کے یہ نیتا، رکھوالے.
پستی جنتا، مرتے کرشک.
وش کے بان، نفرت کے جالے.
....... تین
جھوٹ کی چاندی، سچ کے لالے.
سچ کا ملممع جھوٹ چرھالے(chadha le)
یہ ویوستھا اندھی گونگی.
عندے( ghunde )پالے ، قاتل پالے.
کلام: مسعود بیگ تشنہ

Teen qataat teen raNg
........ Ek
Rajnitik rasookh ke paale.
Desh ke sab mali ghotale.
BarsoN se ye hota aaya.
Tu bhi kha le, tu bhi kha le.
........ Do
Tan ke ujle, man ke kaale.
Desh ke ye neta, rakhwale.
Pisti janta, marte krishak.
Vish ke baan, nafrat ke jaale.
.........Teen
Jhoot ki chaaNdi, sach ke la le.
Sach ka mulamma jhoot chadha le.
Ye vewastha andhi guNgi.
Ghunde pa le, qaatil pa le.
Kalaam : Masood Baig Tishna 

Monday, February 5, 2018

BUDGET GHOTALA बजट घोटाला

## #
  ## बजट घोटाला ##
## मसूद बेग तिश्ना ##
यह तो लगता है घोटालों का बजट.
यह सेहत बीमा के जालों का बजट.
झुंजुना बीमा का बीमारी नहीं.
क्या बजट बीमा से खुद भारी नहीं.
मेंहगा होगा बीमा मेंहगा अस्पताल.
ये फलेंगे और खज़ाना खस्ता हाल.
हम सेहत बीमा का धोका खाएंगे.
कॉर्पोरेट सब फाएदा ले जाएंगे.
क्यों नहीं लागत घटाने के उपाय.
कृषि संसाधन बढ़ाने के उपाय.
ख़ुद कुशी है फिर किसानों का नसीब.
यह सियासत जिस पे चलती है अजीब.
फॉर्मूला जो था एम एस पी का बना.
केंद्र अब उस फ़ॉर्मूले से हट गया.
लागू करने स्वामीनाथन की रिपोर्ट.
आ गया सरकार की नीयत में खोट.
खर्च के सामर्थ्य से जिनके ये सब.
वो ही मध्यम वर्ग है सकते में अब.
ये वही एट सोर्स जिसका टैक्स है.
वो ही ज़्यादा देता कब रिलैक्स है.
नोट बन्दी से मरे व्यापार उद्योग.
लग गया उनको डिजिटल का ये रोग.
रोज़ी पक्की लेबर इन्सेंटिव में दो.
फॉर्मल सेक्टर में ऐसा काम हो.
धीरे धीरे ही नई टेक्नीक दो.
रोज़गर उपजे वही टेक्नीक दो.
 बुनियादी शिक्षा का ढांचा है खराब.
इसके पीछे रखते कुछ खर्च का हिसाब.
झटके में स्किल डेवलप हो गई.
रेज़गारी रोज़गारी खो गई.
झटकों से ये संतुलन बनता नहीं.
झटके देकर राष्ट्र भी चलता नहीं.
ये अठारह का ना बाईस का बजट.
मेंहगे जीवन की प्राइस का बजट.
लूट की है छूट कॉर्पोरेटी खुली.
कब है ये सरकार भी दूध की धुली.
ये भ्रष्टाचार डिजिटल हो गया.
अपना हिंदुस्तान धुंद में खो गया.



Thursday, February 1, 2018

BUDGET बजट

Budget :: Masood Baig Tishna #
Ye budget hai saraab hai kya hai.
( saraab = मृग तृष्णा, mrig trishna,  miraj, dhoka)
Sabki halat kharab hai kya hai.
CorporetoN ko fayeda bhaari.
Bima sector ko laabh hai kya hai.

बजट :: मसूद बेग तिश्ना 
ये बजट है सराब है क्या है.
( सराब = मृग तृष्णा)
सब की हालत खराब है क्या है.
कॉर्पोरेटों को फाएदा भारी.
बीमा सैक्टर को लाभ है क्या है.