Saturday, August 14, 2021

जश्ने आज़ादी 2021Jashne Azadi 2021 جشنِ آزادی 2021

 :: जश्ने आज़दी 2021 ::

कब हम को चिंता है अपने जन गन मन की 

बात बुरी अब नाही लागे लोक दमन की 

बच्ची से मुंह काला, मां का चीर हरन भी 

आज़दी पाई है हम ने चीर हरन की 

 ग़ुंडे सीना तान बिराजे संसद में 

ऐसा ग़ुंडा राज, अंदेखी जन जन की 

रक्षक भक्षक, भक्षक रक्षक, राज अराजक 

चोर भए कोतवाल, है चांदी राजन की 

अब इक घाट पे बकरी शेर नहीं जाते 

ये है जंगल बुक सरकारी उपवन की 

शोर शराबा, भीड़ की हिंसा, बैरी राग 

बात न छेड़ो प्रेम नगर की, गुंजन की 

अलख निरंजन जोगी जग में मस्त हुआ 

राख हुई है ठंडी "तिश्ना" उपवन की 

कलाम : मसूद बेग तिश्ना 

14 अगस्त 2021, इंदौर, इंडिया 

🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

:: جشنِ آزادی 2021 ::

کب ہم کو چنتا ہے اپنے جن گن من کی

بات بری اب ناہی لاگے لوک دمن کی

بچّی سے منھ کالا، ماں کا چیر ہرن بھی 

آزادی پائی ہے ہم نے چیر ہرن کی

غنڈے سینہ تان براجے سنسد میں  

ایسا غنڈہ راج، ان دیکھی  جن جن کی

رکشک بھکشک، بھکشک شاسک،راج اراجک

چور بھئے کوتوال، ہے چاندی راجن کی 

اب اک گھاٹ پہ بکری شیر نہیں جاتے 

یہ ہے جنگل بُک سرکاری اُپون کی

شور شرابہ، بھیڑ کی ہِنسا، بیری راگ

بات نہ چھیڑو پریم نگر کی، گنجن کی

 الکھ نرنجن یوگی جگ میں مست ہوا 

راکھ ہوئی ہے ٹھنڈی "تشنہ" تپون کی

کلام : مسعود بیگ تشنہ 

 اگست 14، 2021، اِندور ،انڈیا

🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

No comments:

Post a Comment