Wednesday, March 18, 2020

Virus Sandes वायरस संदेस وائرس سندیس

:: وائرس سندیس ::
وائرس کی آنکھ سے سارے پَرانی ایک ہیں
چینی، جاپانی، ہندی اور ایرانی ایک ہیں
نفرتیں پھیلانے والو دیس میں سوچو ذرا
موت کے قبضے میں سب ہندوستانی ایک ہیں
(پَرانی =جاندار)
کلام : مسعود بیگ تشنہ
:: वायरस संदेस ::
वायरस की आंख से सारे प्राणी एक है
चीनी, जापानी, हिंदी और ईरानी एक हैं
नफ़रतें फैलाने वालो देस में सोचो ज़रा
मौत के क़ब्ज़े में सब हिंदोस्तानी एक हैं
कलाम : मसूद बेग तिश्ना
:: Virus sandes ::
Virus ki aankh se saare paraani ek haiN
Chini , japani, hindi aur irani ek haiN
NafrateN phailane walo des meiN socho zara
Maut ke qabze meiN sab hindostani ek haiN
Kalaam : Masood Baig Tishna 

Corona Effect कोरोना इफ़ैक्ट کورونا اِفیکٹ

:: کورونا اِفیکٹ  Corona Effect ::
آبادی کی آبادی ہے خوفزدہ
جینے کی بھی آزادی ہے خوفزدہ
میّت میں کم ہوتے کندھا دیتے لوگ
دولہا دلہن کی شادی  ہے خوفزدہ
خوفزدہ مزدور دِہاڑی کی دھوتی
نیتا کی ٹوپی کھادی ہے خوفزدہ
سُنوائی کی تاریخ عدالت میں لٹکی
ملزم ، منصف، فریادی ہے خوفزدہ
مال، بازار، دکانوں میں ہے سنّاٹا
مال کی بِکری بھی آدھی ہے خوفزدہ
جینا تنگ، ٹکٹیں مہنگی ، جانا مشکل
یاترا کی بھی آزادی ہے خوفزدہ
دھندے چوپٹ، ٹورسٹوں کا ہے ٹوٹا
یوں بھی ہے کشمیر کی وادی خوفزدہ
نمبر گیم کی تگڑم لیکن جاری ہے
راجنیتی کی آزادی ہے خوفزدہ
سرکاری ڈھانچوں کی "تشنہ" کُھلتی پول
سرکاروں کی جان آدھی ہے خوفزدہ
کلام : مسعود بیگ تشنہ
:: कोरोना इफ़ैक्ट Corona Effect ::
आबादी की आबादी है ख़ौफ़ज़दा
जीने की भी आज़ादी है ख़ौफ़ज़दा
मय्यत में कम होते कंधा देते लोग
दूल्हा दुल्हन की शादी है ख़ौफ़ज़दा
ख़ौफ़ज़दा मज़दूर दिहाड़ी की धोती
नेता की टोपी खादी है ख़ौफ़ज़दा
सुनवाई की तारीख़ अदालत में लटकी
मुल्ज़िम, मुंसिफ़, फ़रियादी है ख़ौफ़ज़दा
मॉल, बाज़ार, दुकानों में है सन्नाटा
माल की बिक्री भी है आधी ख़ौफ़ज़दा
जीना तंग, टिकटें महंगी, जाना मुश्किल
यात्रा की भी आज़ादी है ख़ौफ़ज़दा
धंधे चौपट, टूरिस्टों का भी टोटा
यूं भी है कश्मीर की वादी ख़ौफ़ज़दा
नंबर गेम की तिगड़म लेकिन जारी है
राजनीति की आज़ादी है ख़ौफ़ज़दा
सरकारी ढांचों की "तिश्ना" खुलती पोल
सरकारों की जान आधी है ख़ौफ़ज़दा
कलाम : मसूद बेग तिश्ना 

Sunday, March 15, 2020

Ghazal ग़ज़ल غزل

::غزل ::
زندگی کے عذاب میں جینا
ناتواں احتساب میں جینا
موٗرکھوں کی بنائی جنّت میں
اور بِلّی کے خواب میں جینا
شہریت ،قومیت کے خانوں میں
گُم سوال و جواب میں جینا
ظلم ،تشکیک، نفرتیں، تحقیر
جان لیوا عذاب میں جینا
مسئلے اور اُنکے بکھرے حل
بےعمل انتخاب میں جینا
ہے شریکِ حیات کے دم سے
بیچ کانٹے گلاب میں جینا
کربِ لا انتہا کی صورت میں
تشنہ خانہ خراب میں جینا
کلام : مسعود بیگ تشنہ
:: ग़ज़ल ::
जिंदगी के अज़ाब में जीना
नातवां एहतिसाब में जीना
मूर्खों की बनाई जन्नत में
और बिल्ली के ख़्वाब में जीना
शहरीयत, क़ौमीयत के ख़ानों में
गुम सवाल ओ जवाब में जीना
ज़ुल्म, तश्कीक, नफ़रतें, तेहक़ीर
जानलेवा अज़ाब में जीना
मसअले और उनके बिखरे हल
बेअमल इन्तेख़ाब में जीना
है शरीक ए हयात के दम से
बीच कांटे गुलाब में जीना
कर्ब ए लाइंतिहा की सूरत में
"तिश्ना" ख़ाना ख़राब में जीना
कलाम : मसूद बेग तिश्ना